News17India

Online Latest Breaking News

1993 में पारित कानून में ही छिपा है ट्रस्ट का प्रावधान, सौंपा जाएगा जमीन का मालिकाना हक

राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि बहुत जल्द सरकार इस बाबत कदम बढ़ाएगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार सरकार सीधे तौर पर अधिसूचना जारी कर राममंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन कर सकती है।

1993 में नरसिंह राव सरकार ने अयोध्या जमीन अधिग्रहण कानून में ही ट्रस्ट का प्रावधान कर दिया था। चूंकि संसद से पारित कानून में पहले ही ट्रस्ट का प्रावधान है, इसीलिए इसके लिए नए सिरे से संसद में जाने की जरूरत नहीं है। एक बार ट्रस्ट का गठन होने के बाद रामलला की सारी विवादित जमीन और 1993 में अधिग्रहित जमीन ट्रस्ट को सौंप दी जाएगी।

जल्द शुरू होगी ट्रस्ट गठन की प्रक्रिया

सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार जल्द ही ट्रस्ट के गठन की प्रक्रिया शुरु की जाएगी। उनके अनुसार 1993 में संसद से पास अयोध्या जमीन अधिग्रहण कानून के उपबंध छह और सात में स्पष्ट रूप से ट्रस्ट बनाने का प्रावधान किया जा चुका है।

ट्रस्ट के पास होगा जमीन का मालिकाना हक 

सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारी के अनुसार एक बार ट्रस्ट के गठन की अधिसूचना जारी होने के बाद अयोध्या में विवादित और अधिगृहित सभी जमीन का मालिकाना हक ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा। कानून में यह प्रावधान किया गया है कि ट्रस्ट ही इस जमीन के विकास और विभिन्न निर्माण कार्यो की जिम्मेदारी संभालेगी। बाद में ट्रस्ट ही तय करेगी कि राममंदिर का निर्माण विश्व हिंदू परिषद की ओर से तैयार पुराने नक्शे के अनुसार किया जाएगा या फिर नया नक्शा बनवाया जाएगा।

पत्थर तराशने का काम 80 फीसदी पूरा

ध्यान देने की बाद है कि विहिप ने 1989 में ही रामजन्मभूमि मंदिर का नक्शा तैयार कर लिया था और उसके नक्शे के अनुसार पत्थरों को तराशने का 80 फीसदी काम पूरा भी हो चुका है, जो फिलहाल रामजन्मभूमि न्यास के अधीन है। यदि विहिप के नक्शे और उसके द्वारा तराशे गए पत्थरों का उपयोग किया जाता है, तो मंदिर निर्माण अगले दो-ढाई साल में पूरा हो जाने की उम्मीद है।

लाइव कैलेंडर

March 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031

LIVE FM सुनें